अमृत सिटी योजना 2025 : इस योजना का उद्देश्य देश के शहरी क्षेत्रों के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाना और स्मार्ट, हरित व टिकाऊ शहरों का निर्माण करना है।
भारत सरकार द्वारा शहरी विकास के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं में “Amrut City Yojana 2025” (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation – AMRUT YOJNA ) एक महत्त्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल रही है। इसका उद्देश्य देश के शहरी क्षेत्रों को आधारभूत सुविधाओं से सुसज्जित करना, नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना और स्मार्ट, हरित व टिकाऊ शहरों का निर्माण करना है। 2025 तक यह योजना और भी व्यापक रूप लेकर उभर रही है जिससे न केवल शहरी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल भारत के सपनों को भी बल मिलेगा।
योजना की पृष्ठभूमि :-
Amrut City Yojana 2025 की शुरुआत भारत सरकार ने 25 जून 2015 को की थी जिसका मुख्य उद्देश्य था – शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, विशेष रूप से जल आपूर्ति, सीवरेज, हरियाली, और सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता को बढ़ाना। यह योजना विशेष रूप से 500 शहरों को केंद्र में रखकर शुरू की गई थी।
अब 2025 तक आते-आते यह योजना एक नए रूप में सामने आई है जिसे आमतौर पर “अमृत 2.0″ या “अमृत सिटी योजना 2025” के नाम से जाना जा रहा है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य :-
Amrut City Yojana 2025 का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे का विस्तार नहीं है, बल्कि यह एक समग्र विकास का मॉडल प्रस्तुत करती है जिसमें निम्नलिखित लक्ष्य शामिल हैं :
- हर घर जल पहुंचाना – हर घर में स्वच्छ और निरंतर जल आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- सार्वजनिक परिवहन सुधारना – बेहतर सड़कें, स्मार्ट बस स्टॉप्स और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना।
- सीवरेज और मल-प्रबंधन – आधुनिक सीवरेज प्रणाली विकसित करना ताकि जल प्रदूषण को रोका जा सके।
- हरियाली और खुली जगहें – पार्क, ग्रीन बेल्ट, और ओपन स्पेस बढ़ाना ताकि शहर सांस ले सकें।
- डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर – शहरों में डिजिटल सेवाओं जैसे वाई-फाई ज़ोन, डिजिटल कियोस्क और स्मार्ट पोल लगाना।
- स्वच्छता और कचरा प्रबंधन – स्मार्ट कचरा संग्रहण और प्रोसेसिंग प्लांट्स की स्थापना।
2025 तक का विज़न :-
सरकार ने AMRUT 2.0 के तहत 2025 तक निम्नलिखित उपलब्धियों को लक्षित किया है :
- 100% जल कनेक्शन उन सभी घरों को जिनके पास अब तक जल आपूर्ति नहीं है।
- 100% सीवरेज कवरेज और अपशिष्ट जल प्रबंधन।
- शून्य अपशिष्ट शहर (Zero Waste Cities) की ओर बढ़ना।
- ग्रीन शहरी परिवहन को बढ़ावा देना।
- क्लाइमेट रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना जो पर्यावरणीय खतरों को सह सके।
Other Important Government Schemes :
योजना की विशेषताएं :-
- जनभागीदारी –
अमृत योजना में आम नागरिकों की भागीदारी को काफी महत्व दिया गया है। शहर की आवश्यकताओं को समझने के लिए जनसुनवाई, सर्वेक्षण और डिजिटल माध्यमों से राय ली जाती है।
- पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप –
योजना के तहत निजी क्षेत्र को भी सहभागी बनाया जा रहा है ताकि निवेश और तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ मिल सके।
- स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग –
जल निगरानी, ऊर्जा दक्षता, ट्रैफिक मैनेजमेंट और वायु गुणवत्ता की निगरानी जैसे क्षेत्रों में स्मार्ट तकनीकों का उपयोग हो रहा है।
- SDGs के अनुरूप –
यह योजना संयुक्त राष्ट्र के Sustainable Development Goals (SDGs) जैसे स्वच्छ जल, स्वच्छता, सस्टेनेबल सिटीज और जलवायु परिवर्तन जैसे लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक है।
योजना 2025 में हुए बदलाव :-
अमृत 2.0 में कुछ नए और प्रभावशाली बदलाव जोड़े गए हैं :
- सिटी वॉटर बैलेंस प्लानिंग: शहरों में पानी की उपलब्धता और खपत का संतुलन बनाए रखने की रणनीति।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य बनाना।
- फीकल स्लज मैनेजमेंट (FSM) पर विशेष ध्यान।
- शहरी जल निकायों का पुनरुद्धार – तालाब, झीलों और नालों की सफाई और पुनर्निर्माण।
योजना के लाभ :-
Amrut City Yojana 2025 के अंतर्गत शहरी जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक लाभ मिल रहे हैं। इस योजना से नागरिकों को पाइप से स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है जिससे जलजनित रोगों में कमी आ रही है। सीवरेज नेटवर्क और अपशिष्ट प्रबंधन की आधुनिक व्यवस्था ने शहरों को अधिक स्वच्छ और रहने योग्य बना दिया है।
हरित क्षेत्रों के विकास से पर्यावरण संतुलन बना हुआ है और प्रदूषण में कमी आई है। इसके अलावा स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, डिजिटल गवर्नेंस, और बेहतर शहरी परिवहन से जीवन अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित हुआ है। साथ ही निर्माण कार्यों और सेवाओं में वृद्धि से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं,जिससे सामाजिक-आर्थिक विकास को बल मिल रहा है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकिAmrut city yojana 2025 बहुत प्रभावशाली है परंतु कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं :
- वित्तीय सीमाएं –
समाधान: निजी निवेश को आकर्षित करना और CSR फंड्स का उपयोग।
- तकनीकी ज्ञान की कमी –
समाधान: शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को ट्रेनिंग और आधुनिक उपकरण प्रदान करना।
- जल स्रोतों पर दबाव –
समाधान : जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण।
किस तरह से किया जायेगा इस योजना का क्रियान्वयन :-
Amrut City Yojana 2025 के अंतर्गत किसी शहर या नगरपालिका को शामिल होने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजा जाता है। इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Body – ULB) संबंधित मंत्रालय को योजना का विस्तृत कार्ययोजना (Detailed Project Report – DPR) तैयार करके भेजते हैं जिसमें जल आपूर्ति, सीवरेज, हरित क्षेत्र, और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी प्राथमिकताएं और खर्च का विवरण होता है। इस प्रस्ताव की समीक्षा केंद्र सरकार करती है और आवश्यकता अनुसार फंड आवंटित किया जाता है। आम नागरिकों की सीधी भागीदारी जनसुनवाई, ऑनलाइन फीडबैक, या शहर के विकास से जुड़े सर्वेक्षणों के माध्यम से होती है ताकि योजना को स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार बेहतर ढंग से लागू किया जा सके।
अकसर पूछे गये सवाल ( FAQ`S )
अमृत योजना क्या है ?
उतर :- अमृत योजना के तहत राज्य सरकार ने शहरों और 18 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को जलापूर्ति, सीवरेज कनेक्शन और हरियाली के विकास सहित सुविधाएं प्रदान करने की घोषणा की है।
अमृत योजना में कितने शहर शामिल हैं ?
उतर :- अटलमिशन फॉर रिजुविनेशन एंड अरबन ट्रांसफोर्मेशन (अमृत) योजना में अब राजस्थान के 28 की जगह 29 शहर शामिल किए जाएंगे।
सारांश :-
तो दोस्तों, हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से (Amrut City Yojana 2025 : अब देश के 500 शहरों का होगा सौन्दर्यीकरण) की सभी जानकारी को विस्तार पूर्वक बता दिया है। Amrut City Yojana 2025 भारत को एक स्मार्ट, टिकाऊ और स्वच्छ शहरी राष्ट्र में बदलने की एक मजबूत नींव है। यह न केवल वर्तमान शहरी समस्याओं का समाधान देती है, बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखती है।
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