जानिए कैसे MGNREGA 2025 के माध्यम से जल संरक्षण, भूमि विकास, सड़क निर्माण, और अन्य सामुदायिक कार्यों को प्रोत्साहित किया जाता है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (Mahatma Gandhi NREGA 2025) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका (Livelihood) सुरक्षा प्रदान करना है।
यह अधिनियम प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों के अकुशल शारीरिक कार्य की गारंटी देता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और गरीबी उन्मूलन (Elimination) में सहायता मिलती है।
मनरेगा का उद्देश्य और महत्व :-
Mahatma Gandhi NREGA 2025 का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना और बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस योजना के माध्यम से जल संरक्षण, भूमि विकास, सड़क निर्माण, और अन्य सामुदायिक कार्यों को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे ग्रामीण विकास को गति मिलती है।
2025 में मनरेगा की स्थिति :-
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा के तहत 187.5 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए, जिससे 4.6 करोड़ ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिला। इसके साथ ही अब तक योजना के तहत 6.18 करोड़ संपत्तियों का जियोटैग किया जा चुका है।
डिजिटल तकनीक का योगदान :-
Mahatma Gandhi NREGA 2025 के सुचारू क्रियान्वयन के लिए आईटी पहल शुरू
1. आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) :- कुल वेतन भुगतान का 99% इसी माध्यम से किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता (Efficiency) में वृद्धि हुई है।
2. जियोटैगिंग :- योजना के तहत बनाई गई 6.18 करोड़ संपत्तियों का जियोटैग किया गया है, जिससे निगरानी और मूल्यांकन में सुविधा होती है।
3. NMMS ऐप :- अक्टूबर 2024 में इस ऐप के जरिए कार्य स्थलों पर लगभग 96% उपस्थिति दर्ज की गई, जिससे श्रमिकों की उपस्थिति की सटीक निगरानी संभव हुई है।
4. GIS आधारित योजना पोर्टल :- ग्राम पंचायत स्तर पर योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन के लिए युक्तधारा पोर्टल पर प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।
महिला भागीदारी :-
पिछले पांच वर्षों से Mahatma Gandhi NREGA में महिलाओं की भागीदारी 50% से अधिक रही है, जो ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जल प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधन सुधार :-
Mahatma Gandhi NREGA 2025 के तहत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (NRM) और कृषि आधारित गतिविधियों पर खास जोर दिया गया है। 2017-18 से 2023-24 तक जल-तनावग्रस्त ब्लॉकों की संख्या 2,264 से घटकर 1,456 रह गई है। इस दौरान 18 राज्यों के 199 जिलों के 1,519 ब्लॉकों को जल-तनावग्रस्त सूची से हटा दिया गया है।
पारदर्शिता और जवाबदेही :-
Mahatma Gandhi NREGA 2025 के पारदर्शिता तंत्र को और मजबूत करने, जॉब कार्ड धारकों को लाभ सुनिश्चित करने और कार्य स्थलों पर मशीनरी के उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी संपत्तियों की सोशल ऑडिट और लोकपाल तैनाती पर विशेष जोर दिया गया है।
लोकपाल तैनाती और निगरानी तंत्र में सुधार :-
देश के कुल 740 जिलों में से 593 जिलों (80%) में लोकपाल तैनात किए गए हैं। बाकी 147 जिलों में जल्द से जल्द तैनाती का निर्देश दिया गया है। निगरानी के लिए एरिया ऑफिसर ऐप का उपयोग बढ़ाने और अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
Other Important Government Schemes :
बजट आवंटन :-
वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान मनरेगा के लिए बजट आवंटन 33,000 करोड़ रुपये था, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह 86,000 करोड़ रुपये है, जो योजना प्रारंभ से लेकर अब तक सबसे अधिक है।
चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा :-
मनरेगा ने ग्रामीण रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इसके समक्ष कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जैसे समय पर भुगतान, कार्य की गुणवत्ता, और भ्रष्टाचार। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ा रही है और निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है।
आवेदन प्रक्रिया :-
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। इच्छुक व्यक्ति को पहले अपने ग्राम पंचायत में जाकर पंजीकरण कराना होता है, जिसके बाद उसे एक जॉब कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड के माध्यम से वह रोजगार प्राप्त करने के योग्य होता है।
इसके बाद, व्यक्ति को ग्राम पंचायत में जाकर रोजगार की मांग करनी होती है, जिसमें वह यह बताता है कि उसे किस प्रकार का काम और कितने दिनों तक काम चाहिए। रोजगार आवंटित होने पर, काम करने के बाद व्यक्ति को उसकी मेहनत के अनुसार वेतन मिलता है, जो बैंक खाते या डाकघर के माध्यम से सीधे भुगतान किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और सोशल ऑडिट भी किया जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले FAQ’S
मनरेगा का पैसा कितना आता है ?
उतर:- जैसे छत्तीसगढ़ में मनरेगा में मेट की मजदूरी ₹243 है। वही राजस्थान में यह ₹266 है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मनरेगा में मेट मजदूरी ₹237 तय की गई है और बिहार में यह ₹245 हैं।
अपने गांव की नरेगा लिस्ट कैसे देखें ?
उतर:- सबसे पहले आपको NREGA की आधिकारिक वेबसाइट – https://nrega.nic.in/ पर विजिट करना होगा।
नरेगा में कितने घंटे काम होता है ?
उतर:- मनरेगा योजना के तहत, एक व्यक्ति को प्रतिदिन कुल 9 घंटे काम करना होता है, जिसमें 1 घंटे का आराम समय निर्धारित होता है। इस प्रकार, इस पहल के तहत श्रमिकों से प्रतिदिन कुल 8 घंटे काम करने की अपेक्षा की जाती है।
मनरेगा में नौकरी कैसे मिलेगी ?
उतर:- NREGA जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए, आपको अपने ग्राम पंचायत में आवेदन करना होता है। इस आवेदन में परिवार के सभी वयस्क सदस्यों के नाम, उम्र और पता दर्ज करना होता है.
सारांश :-
तो दोस्तों, हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से (Mahatma Gandhi NREGA 2025 : ग्रामीण रोजगार और विकास की नई दिशा) की सभी जानकारी को विस्तार पूर्वक बता दिया है महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण भारत में रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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